हम उन से अगर मिल बैठे हैं क्या दोश हमारा होता है
कुछ अपनी जसारत होती है कुछ उन का इशारा होता है
कटने लगीं रातें आँखों में देखा नहीं पलकों पर अक्सर
या शाम-ए-ग़रीबाँ का जुगनू या सुब्ह का तारा होता है
#Nojoto ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा
जिस तरह से थोड़ी सी तिरे साथ कटी है
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा
दुनिया की निगाहों में भला क्या है बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा
#Dark जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह
वो हमें भूल गए एक कहानी की तरह
दोस्तो ढूँड के हम सा कोई प्यासा लाओ
हम तो आँसू भी जो पीते हैं तो पानी की तरह
ग़म को सीने में छुपाए हुए रखना यारो
ग़म महकते हैं बहुत रात की रानी की तरह
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