#FourLinePoetry इन पहाड़ों में आकर देखना ,
कभी इनसे बातें करके देखना ,
ये भी तुमसे बातें करते है
कभी इस सुकून को महसूस करके देखना ,
कभी मन शांत करके ,
अपनी आंख बंद करके देखना ,
इन हवाओ को महसूस करके देखना ,
इन फूलों की गुनगुनाहट और
भंवरों की भिनभिनाहट को सुनकर देखना ,
नदी की कल-कल की मधुर ध्वनि को सुनकर देखना,
खुले आसमान के नीचे पंछियो के
शोर को सुनकर देखना,
कभी इन पहाड़ो में चिल्लाकर देखना,
वो भी तुम्हें आवाज देंगे सुनकर देखना,
इन हवाओं में झूमकर देखना,
संग हवाओ के तुम बहकर देखना,
प्रकृति से प्रेम करके तो देखना
वो भी तुमसे उतना ही प्रेम करेगी।।
©Pahadi
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