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इन अंधेरों में बिताए हर पल का हिसाब लेंगे हम तुम लाओ लाख रुकावटें सब झेल लेंगे हम यूँ आधे अधूरे में हमारा जमता कहाँ है? हासिल कर लेंगे न जब तक मंज़िल अपनी न रुके थे न रुकेंगे हम ।। ©KAJAL THAKUR
KAJAL THAKUR
13 Love
चार लोगों का साथ रहकर एक को किनारा करना अजी छोड़ो जनाब कोई समझदारी थोड़ी है हाँ रहे होंगे तुम्हारे अपने कारण- वारण तो रखो न मर्जी मेरी अब तुम्हारी जागीरी थोड़ी है।। ©KAJAL THAKUR
15 Love
जीवन की बगिया को नफरत और घृणा से सींचा अरे छोड़ो ,जिंदगी को क्या खाक जिया तुमने कुछ बिगाड़ा, किसी का छीना, कहीं उजाड़ा रिश्तों को क्या खाक सिया तुमने ©KAJAL THAKUR
17 Love
Someday I Will be there and can say proudly I did it .Yes Dreams do come true. ©KAJAL THAKUR
16 Love
अकसर लोगों की बेरुखी देख मैं दंग रह जाता हूँ कुछ समस्या रही होगी खुद को यही समझाता हूँ ©KAJAL THAKUR
19 Love
ओरों की खामियों का बखान तो वह इंसान करे न जिसमें कोई ऐब बस खूबियाँ बखूब हैं ।। ©KAJAL THAKUR
21 Love
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