प्रतिहार

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 Mehfil - Shayari Show

Mehfil - Shayari Show

Wednesday, 1 November | 10:00 am

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बात मैं सरसरी नहीं करता और वज़ाहत कभी नहीं करता एक ही बात मुझमें अच्छी है और मैं बस वही नहीं करता मसला ये है कि आपको देखकर मेरा दिमाग काम ही नहीं करता आप ही लोग मार देते हैं कोई भी खुदकुशी नहीं करता एक जुगनू है तेरी यादों का जो कभी रौशनी नहीं करता ©प्रतिहार

#शायरी #beinghuman  बात मैं सरसरी नहीं करता
और वज़ाहत कभी नहीं करता

एक ही बात मुझमें अच्छी है
और मैं बस वही नहीं करता

मसला ये है कि आपको देखकर
मेरा दिमाग काम ही नहीं करता

आप ही लोग मार देते हैं
कोई भी खुदकुशी नहीं करता

एक जुगनू है तेरी यादों का
जो कभी रौशनी नहीं करता

©प्रतिहार

#beinghuman

18 Love

लड़के हमेशा खड़े रहे खड़ा रहना उनकी कोई मजबूरी नहीं रही बस उन्हें कहा गया हर बार चलो तुम तो लड़के हो, खड़े हो जाओ तुम मलंगों का कुछ नहीं बिगड़ने वाला छोटी-छोटी बातों पर ये खड़े रहे कक्षा के बाहर स्कूल विदाई पर जब ली गई ग्रुप फोटो लड़कियाँ हमेशा आगे बैठी और लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहे वे तस्वीरों में आज तक खड़ेंं हैं कॉलेज के बाहर खड़े होकर करते रहे किसी लड़की का इंतजार या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे एक झलक एक हाँ के लिए अपने आपको आधा छोड़ वे आज भी वहीं रह गए हैं। बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे मंडप के बाहर बारात का स्वागत करने के लिए खड़े रहे रात भर हलवाई के पास कभी भाजी में कोई कमी ना रहे खड़े रहे खाने की स्टाल के साथ कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाए खड़े रहे विदाई तक दरवाजे के सहारे और टैंट के अंतिम पाईप के उखड़ जाने तक बेटियाँ-बहनें जब लौटेंगी वे खड़े ही मिलेंगे। वे खड़े रहे पत्नी को सीट पर बैठाकर बस या ट्रेन की खिड़की थाम कर वे खड़े रहे बहन के साथ घर के काम में कोई भारी सामान थामकर वे खड़े रहे माँ के ऑपरेशन के समय ओ. टी. के बाहर घंटों वे खड़े रहे पिता की मौत पर अंतिम लकड़ी के जल जाने तक वे खड़े रहे दिसंबर में भी अस्थियाँ बहाते हुए गंगा के बर्फ से पानी में लड़कों रीढ़ तो तुम्हारी पीठ में भी है क्या यह अकड़ती नहीं? ©प्रतिहार

#शायरी #lonely  लड़के हमेशा खड़े रहे
खड़ा रहना उनकी कोई मजबूरी नहीं रही
बस उन्हें कहा गया हर बार
चलो तुम तो लड़के हो, खड़े हो जाओ
तुम मलंगों का कुछ नहीं बिगड़ने वाला
छोटी-छोटी बातों पर ये खड़े रहे कक्षा के बाहर

स्कूल विदाई पर जब ली गई ग्रुप फोटो
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठी 
और लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहे
वे तस्वीरों में आज तक खड़ेंं हैं

कॉलेज के बाहर खड़े होकर 
करते रहे किसी लड़की का इंतजार
या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे
एक झलक एक हाँ के लिए
अपने आपको आधा छोड़ 
वे आज भी वहीं रह गए हैं।

बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे मंडप के बाहर
बारात का स्वागत करने के लिए
खड़े रहे रात भर हलवाई के पास
कभी भाजी में कोई कमी ना रहे
खड़े रहे खाने की स्टाल के साथ
कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाए
खड़े रहे विदाई तक दरवाजे के सहारे
और टैंट के अंतिम पाईप के उखड़ जाने तक
बेटियाँ-बहनें जब लौटेंगी
वे खड़े ही मिलेंगे।

वे खड़े रहे पत्नी को सीट पर बैठाकर 
बस या ट्रेन की खिड़की थाम कर
वे खड़े रहे बहन के साथ घर के काम में
कोई भारी सामान थामकर 
वे खड़े रहे माँ के ऑपरेशन के समय
ओ. टी. के बाहर घंटों
वे खड़े रहे पिता की मौत पर अंतिम लकड़ी के जल जाने तक
वे खड़े रहे दिसंबर में भी
अस्थियाँ बहाते हुए गंगा के बर्फ से पानी में

लड़कों रीढ़ तो तुम्हारी पीठ में भी है 
क्या यह अकड़ती नहीं?

©प्रतिहार

#lonely

17 Love

अरे! तेरी मुझसे यारी है तू फिकर ना कर, अब तू मेरी जिम्मेदारी है तू फिकर ना कर। गर वर्षाने कि जोगन तू कोई राधा रानी सी, मेरे अंदर भी गिरधारी है, तू फिकर ना कर। ©प्रतिहार

#शायरी #Shiva  अरे! तेरी मुझसे यारी है तू फिकर ना कर,
अब तू मेरी जिम्मेदारी है तू फिकर ना कर।

गर वर्षाने कि जोगन तू कोई राधा रानी सी,
मेरे अंदर भी गिरधारी है, तू फिकर ना कर।

©प्रतिहार

#Shiva&Isha

15 Love

ज्ञान से बड़ा कोई दान नहीं, और गुरु से बड़ा कोई दानी नहीं, गुरु कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। ©प्रतिहार

#शायरी #Teachersday  ज्ञान से बड़ा कोई दान नहीं,
और गुरु से बड़ा कोई दानी नहीं,

गुरु कभी साधारण नहीं होता,
प्रलय और निर्माण
उसकी गोद में पलते हैं।

©प्रतिहार

#Teachersday

17 Love

जिंदगी को दीजिए शिक्षक दिवस की बधाई, इससे ज्यादा तो भाई, किसी ने नहीं सिखाई। ©प्रतिहार

#शायरी #duniya  जिंदगी को दीजिए शिक्षक दिवस की बधाई,
इससे ज्यादा तो भाई, किसी ने नहीं सिखाई।

©प्रतिहार

#duniya

14 Love

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