तुम्हारे अश्कों से भीगे हुए पलकों के नीचे पलने वाले सतरंगी स्वप्नों में शामिल कर लेना मुझे ,
तुम्हारे सुरमई रागों के बीच जब अवरोध हो , गला रूँधा हुआ सा लगे तो तुम्हारे अधरों को स्पर्श कर निकलने वाले गीत में शामिल कर लेना मुझे ,
जब आये ऐसे मंजर कि ढूंढने से भी कोई अपना न मिले
तो तुम्हारे अपनों में सबसे अपना जानकर शामिल कर लेना
मुझे ,
जब तुम्हारे आशाओं के दिये बुझने से लगें तो मेरी वफाओं के लौ से रोशन कर देना उन्हें , इस तरह अपने होने में शामिल कर लेना मुझे ।
- nitya singh
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