तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।।
तेरा साथ भी जरूरी हैं, इश्क़ बरकरार के लिए ।।
घुटनों में बैठकर गुलाब देने के दिन गए जानेमन।
मेरी झुकी निगाहें ही काफी है इज़हार के लिए ।
तेरा दीदार जरूरी है, आगाज़-ऐ-प्यार के लिए ।।
तेरा साथ भी जरूरी हैं, इश्क़ बरकरार के लिए ।।
घुटनों में बैठकर गुलाब देने के दिन गए जानेमन।
मेरी झुकी निगाहें ही काफी है इज़हार के लिए ।
1 Love
निगाहों को फिर, इंतज़ार तेरे आने का ।
हक दिया फिर, तुझे हंसाने और रुलाने का
थम जाती है साँसे, नया साल आते ही
अंदाज़ अच्छा है फरवरी तेरे आने का ।।
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