एक मिडिल क्लास आदमी
बड़ा साधारण सा होता है
बस एक साधारण सी जिंदगी
जीने की कोशिश करता है
हर दिन जीता , हर रोज मरता है
मिडिल क्लास आदमी
बस दौड्म दौड़ करता है
सुने है कन्हिय कहे,! थे परिवर्तन
संसार का नियम है
बस मिडिल क्लास जरा
परिवर्तन से डरता है
जो जिंदगी (मिडिल क्लास की )
दिखती है किताबो कविताओं
में खूबसूरत सी ना दोस्त
न उतनी होती है न वैसे वो जी पाता है
मिडिल क्लास का आदमी
बस मिडिल क्लास रह जाता है
©Devendra yadav
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