Sawan Sharma

Sawan Sharma Lives in Barwani, Madhya Pradesh, India

music lover, narcissist, book lover, love to convert feelings into word

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White जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हुई जिन्हें सहलाते हुए रात मुझे नींद आ गई थी जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। बाहर निकल कर कमरे से तेरे हाथ की चाय मिले चीनी हो उसमें थोड़ी थोड़ी प्रेम की मिठास हो संवरने लगे जाने को ऑफिस मैं देखु तुझे संवरते हुए दराज़ से निकाले तू झुमके मैं पहना दु अपने हाथों से जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। मैं सारा दिन घर रहकर प्रेम की किताबें लिखू शाम को घर आते ही चाय तुझे तैयार मिले थकान मिटाने दिन भर की घर आते ही गले लगे फ़िर हम दोनों साथ बैठकर वो प्यार से बनी चाय पीये जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। ©Sawan Sharma

#कविता  White जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा
तस्वीर में नहीं, अपने पास में
तेरी आवाज़ जाए
सबसे पहले कानो में 
जागू तो मिले उंगलियां
तेरे बालो में उलझी हुई 
जिन्हें सहलाते हुए
रात मुझे नींद आ गई थी
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

बाहर निकल कर कमरे से
तेरे हाथ की चाय मिले
चीनी हो उसमें थोड़ी 
थोड़ी प्रेम की मिठास हो
संवरने लगे जाने को ऑफिस 
मैं देखु तुझे संवरते हुए
दराज़ से निकाले तू झुमके
मैं पहना दु अपने हाथों से 
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

मैं सारा दिन घर रहकर
प्रेम की किताबें लिखू
शाम को घर आते ही 
चाय तुझे तैयार मिले
थकान मिटाने दिन भर की 
घर आते ही गले लगे 
फ़िर हम दोनों साथ बैठकर 
वो प्यार से बनी चाय पीये
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

©Sawan Sharma

जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हुई जिन्हें सहलाते हुए रात मुझे नींद आ गई थी

9 Love

कभी कभी ज़िन्दगी ले जाती ऐसे टापू पर ना चाहते हुए भी जहां फंस जाते हैं हम पास से देखने पर जो लगता है काफ़ी सुंदर चाहते नहीं निकलना बाहर हम उस टापू से अकेलापन जो होता है सुकून देने लगता है खुश होते हैं टापू पर देख खूबसूरत नज़ारे लेकिन मैं ये कहता हूं निकल जाओ उस टापू से क्या पता उससे भी ज्यादा सुंदर टापू मिल जाए कहीं नज़ारे देखने को साथी भी एक मिल जाए.. ©Sawan Sharma

#विचार  कभी कभी ज़िन्दगी
ले जाती ऐसे टापू पर
ना चाहते हुए भी जहां 
फंस जाते हैं हम
पास से देखने पर 
जो लगता है काफ़ी सुंदर
चाहते नहीं निकलना
बाहर हम उस टापू से
अकेलापन जो होता है 
सुकून देने लगता है 
खुश होते हैं टापू पर 
देख खूबसूरत नज़ारे
लेकिन मैं ये कहता हूं 
निकल जाओ उस टापू से 
क्या पता उससे भी ज्यादा 
सुंदर टापू मिल जाए
कहीं नज़ारे देखने को 
साथी भी एक मिल जाए..

©Sawan Sharma

कभी कभी ज़िन्दगी ले जाती ऐसे टापू पर ना चाहते हुए भी जहां फंस जाते हैं हम पास से देखने पर जो लगता है काफ़ी सुंदर चाहते नहीं निकलना बाहर हम उस टापू से

12 Love

#कविता

एक किनारे मैं खड़ा तुम खड़ी दूजे किनारे एक पुल बनाना है मुझे जो जोड़ दे दोनों किनारे .. जो कभी टूटे नहीं पुल वो ऐसा ठोस हो तय कर ले आसानी से

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#विचार

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#कविता  Jai shree ram घर घर नगर नगर
गली मोहल्ले चौराहे पर
गूंज रहा श्री राम नाम
दिल से होकर जुबानो पर

उत्सव जैसा लगता है
कितना प्यारा लगता है
हरे राम हरे कृष्ण
कानो में जो पड़ता है

रामलला के स्वागत में
भक्तिमय सब हो गया
मष्तिष्क से चित्त तक
सब प्रफुल्लित हो गया

राम कहीं गए नहीं
राम हमारे मन में है
जीव जंतु में है बसे
राम बसे कण कण में है ।

©Sawan Sharma

घर घर नगर नगर गली मोहल्ले चौराहे पर गूंज रहा श्री राम नाम दिल से होकर जुबानो पर उत्सव जैसा लगता है कितना प्यारा लगता है हरे राम हरे कृष्ण

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#विचार

मेरे घर के आँगन में हैं तुलसी का एक पौधा सुनो... रोज़ सवेरे उसकी पूजा करना स्वीकर कर लो ना

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