और थोड़ी मुश्किलें औऱ मुक़ाम रखना
ऐ खुदा!बस ज़िंदगी इतनी सी आसान रखना।
अब तलक़ ख़ुद को सम्भाला नही ठीक से
चलती रहे ये साँसे,ज़रा सा एहतिराम ऱखना।
अभी तो बुलन्दियों को छूना है हाथ बढ़ा कर
गिर ना जाऊँ चलने से पहले,पाँव में इतनी सी जान रखना।
आशीष शुक्ल
©Ashish Shukla
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