कवि आदित्य बजरंगी

कवि आदित्य बजरंगी Lives in Anupshahar, Uttar Pradesh, India

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में लफ्ज़ बहुत ही कम लिखता हूं जिंदगी के सारे गम लिखता हूं मेरी शायरी पढ़ने वाले भी तड़फ उठे "आदित्य" में हंसकर ऐसे जख्म लिखता हूं तुम्हारी बददुआ क्या मुझे मारेगी में तोड़ी हुई हजार कसम लिखता हूं परवाह नही मुझे खुद के आंसुओ की जो भी लिखता हु बेरहम लिखता हूं ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  में लफ्ज़ बहुत ही कम लिखता हूं 
जिंदगी के सारे गम लिखता हूं 
मेरी शायरी पढ़ने वाले भी तड़फ उठे
"आदित्य" में हंसकर ऐसे जख्म लिखता हूं 
तुम्हारी बददुआ क्या मुझे मारेगी 
में तोड़ी हुई हजार कसम लिखता हूं 
परवाह नही मुझे खुद के आंसुओ की 
जो भी लिखता हु बेरहम लिखता हूं

©कवि आदित्य बजरंगी

sad shayari मुहब्बत तुमसे नफरत है

14 Love

एक तुझे नज़र अंदाज करने की हिम्मत नही की हम में "आदित्य" वरना ज़माने मैं मशहूर थे किस्से हमारी अना के ©कवि आदित्य बजरंगी

 एक तुझे नज़र अंदाज करने की हिम्मत नही की हम में 
"आदित्य" वरना ज़माने मैं मशहूर थे किस्से हमारी अना के

©कवि आदित्य बजरंगी

एक तुझे नज़र अंदाज करने की हिम्मत नही की हम में "आदित्य" वरना ज़माने मैं मशहूर थे किस्से हमारी अना के ©कवि आदित्य बजरंगी

13 Love

रिश्ते कहीं उसके लिए घुटन ना बन जाए 🤗 आदित्य कुछ लोगों के साथ रहने से बेहतर है बिछड़ जाना 💔 ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  रिश्ते कहीं उसके लिए घुटन ना बन जाए 🤗 
आदित्य कुछ लोगों के साथ रहने से बेहतर है बिछड़ जाना 💔

©कवि आदित्य बजरंगी

रिश्ते कहीं उसके लिए घुटन ना बन जाए 🤗 आदित्य कुछ लोगों के साथ रहने से बेहतर है बिछड़ जाना 💔 ©कवि आदित्य बजरंगी

10 Love

जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___ वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___ ©कवि आदित्य बजरंगी

#SAD  जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___
वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___

©कवि आदित्य बजरंगी

जो इल्ज़ाम बाकी रह गया हो___ वो मेरे कफ़न पर लिख जाना___ ©कवि आदित्य बजरंगी

14 Love

#SAD  खुद का बनाकर तमाशा खुद से ही दूर हुए हम,,,

खुद ही लिखा दर्द और खुद ही मशहूर हुए हम,,,,

©कवि आदित्य बजरंगी

खुद का बनाकर तमाशा खुद से ही दूर हुए हम,,, खुद ही लिखा दर्द और खुद ही मशहूर हुए हम,,,, ©कवि आदित्य बजरंगी

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#SAD  जगना नसीब है, सोना मुहाल है।
जो मेरा हाल है, क्या तेरा हाल है।।
मैं इंतजार में हूं, के तू भी, कुछ कहे।
खुलते नहीं लब तेरे, क्या हाल चाल है।।
जो जल रही है, शम्मा है, तेरे नाम की।
मैं तुझसे रौशन हूं, क्या तुझे ख़याल है।।

©कवि आदित्य बजरंगी

जगना नसीब है, सोना मुहाल है। जो मेरा हाल है, क्या तेरा हाल है।। मैं इंतजार में हूं, के तू भी, कुछ कहे। खुलते नहीं लब तेरे, क्या हाल चाल है।। जो जल रही है, शम्मा है, तेरे नाम की। मैं तुझसे रौशन हूं, क्या तुझे ख़याल है।। ©कवि आदित्य बजरंगी

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