चल उठ और अपने कदम बढ़ा ,दुनिया की नजरों से नजरें मिला
दौड़ कठिन हर मोड़ पर आएगा, विचलित ना हो अपना हौसला बढ़ा
अपनी तरक्की से ना तू मुंह मोड़, मेहनत से अपने सारे रास्ते खोल
अपनी जिंदगी को तू मिसाल बना चल उठ व अपने कदम बढ़ा
झकझोर दे सारे मुश्किलों को और मुट्ठी को तू अपने बांध ले
बना ले उॕचाइयो को अपना ,मंजिल को तू कदमों में करना सीख ले
मिलेंगे यहां अनेको चेहरे ,रंग-बिरंगे हर रूप यहां
पर विचलित ना होना उनसे कभी ,उनमें भी अपने रंग मिला चल उठ और अपने कदम बढ़ा, दुनिया की नजरों से नजरें मिला||
©Gaurav Prateek
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