एक मुलाकात करें
दोनों फिर से एक नई शुरुआत करें
एक कप चाय के साथ सभी शिकवों को भाप करें,
आओ एक नई शुरुआत करें
तुम कुछ अपनी कहना मैं भी कुछ सुनाऊंगी
दोनो मिलकर मन की गठों को आज़ाद करें,
आओ एक नई शुरुआत करें
मैं चुप चुप रहूं तुम अपनी कहना,
हर एक बात को खुलकर कहना,
शायद कुछ उसमें चुभे मुझको,
फ़िर भी तुम मन की हर बात कहना,
मैं सोचूंगी क्या था जो रह गया था पीछे,
तुम भी उन सभी पलों को गिन गिन कर याद करना,
जो अच्छा वक्त था उसमें,
उसको तुम ताज़ा करना
जो जो थी कुछ खट्टी उनको तुम आजाद करना,
फिर एक नई शुरुआत करना
बबिता पपने
चाय पर एक छोटी मुलाकात करना
©#thoughtsbecomethings ❤
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here