जब दिल तनहा होता है तो नगमें सुन लिया करती हुँ, जब दिल टूट जाता है तो रो लिया करती हुँ, जब अपना रूठ जाता है तो मना लिया करती हुँ, जब अपना रूठ दिल तोड़ तनहा छोड़ जाता है तो कुछ लिख दिया करती हुँ।
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