मम्मा वो अंकल गंदे हैं।
चॉकलेट के बहाने मुझको, अपने पास बुलाते।
कभी इधर तो कभी उधर, वो मुझको हांथ लगाते।
उनके स्पर्श में मम्मी, तुम सा संस्कार नहीं है ।
बाहर से सीधे दिखते,अंदर से बुरे परिंदे हैं ।
मम्मा वो अंकल गंदे हैं ।
गुड़िया देकर कभी मुझे, वो मेरा हाथ पकड़ते ।
लाड प्यार का बहाना लेकर, माथे पर पप्पी करते ।
उनकी पप्पी में मम्मा, पापा सा प्यार नहीं है ।
पापा के वो दोस्त हैं, लेकिन लगते मुझे दरिंदे हैं।
मम्मा वो अंकल गंदे हैं ।
akanksha gupta
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