Shukla Ashish

Shukla Ashish Lives in Shivli, Uttar Pradesh, India

अड़ियल बैरागी हूँ, जिद्दी अनुरागी हूँ।

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एक दिन जब मैं थक जाऊंगा दुनिया के तानों से, जब मेरी सोच बस खत्म होने वाली होगी, जब मैं अपनी ज़िंदगी के चंद घण्टो का मेहमान रहूँगा, तब आना तुम और अपनी हथेलीयों में मेरा चेहरा भरकर मुझे फिर से जीवन दे देना❗️ ♥️ ©Shukla Ashish

#missingyou  एक दिन जब मैं थक जाऊंगा दुनिया के तानों से,
जब मेरी सोच बस खत्म होने वाली होगी,

जब मैं अपनी ज़िंदगी के चंद घण्टो का मेहमान रहूँगा,

तब आना तुम और अपनी हथेलीयों में 
मेरा चेहरा भरकर मुझे फिर से जीवन दे देना❗️
♥️

©Shukla Ashish

#missingyou

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मैंने इंतज़ार करना छोड़ दिया है.. पहले जब इंतज़ार रहता था तब वो आँखों में जम जाता था, फिर पिघल पिघल कर टपकता था। जैसे शरीर में आत्मा फंस गई हो और निकल नहीं पा रही हो। वो क्या है कि तड़पना, झुंझलाना किसी एक का ही होता है। दो लोग जब एक दूजे को चुनते हैं.. तो कुछ पल बाद क्यों अपने ही चुनाव के साथ नहीं टिकते? क्यों एक आगे बढ़ जाता है और उनमें से एक के हिस्से में इंतजार बच जाता है? क्यों एक के सपने उसकी आँखों में जम जाते हैं और पिघलते रहते हैं? मैं अपनी आँखों में अब कुछ जमने नहीं दूंगा.. न सपने.. न लम्हें.. न इंतज़ार ©Shukla Ashish

#intazaar #waiting #Fire  मैंने इंतज़ार करना छोड़ दिया है..

पहले जब इंतज़ार रहता था तब वो आँखों में जम जाता था, फिर पिघल पिघल कर टपकता था। जैसे शरीर में आत्मा फंस गई हो और निकल नहीं पा रही हो।

वो क्या है कि तड़पना, झुंझलाना किसी एक का ही होता है। दो लोग जब एक दूजे को चुनते हैं.. तो कुछ पल बाद क्यों अपने ही चुनाव के साथ नहीं टिकते?

क्यों एक आगे बढ़ जाता है और उनमें से एक के हिस्से में इंतजार बच जाता है? 

क्यों एक के सपने उसकी आँखों में जम जाते हैं और पिघलते रहते हैं?

मैं अपनी आँखों में अब कुछ जमने नहीं दूंगा.. न सपने.. न लम्हें.. न इंतज़ार

©Shukla Ashish

वो फिक्र भी करता है वो जिक्र भी करता है इज़हार भी करता है प्यार भी करता है कभी बातें चार करता है कभी गलतियां बार बार करता है मुश्किल कभी हज़ार करता है कभी मुश्किलें हल करता है ये सब एक बाप,बेटा,भाई,चाचू,दादू और मेरा यार करता है....! Happy International Men's day♥️ ©Shukla Ashish

#internationalmensday  वो फिक्र भी करता है
वो जिक्र भी करता है
इज़हार भी करता है
प्यार भी करता है

कभी बातें चार करता है 
कभी गलतियां बार बार करता है
मुश्किल कभी हज़ार करता है
कभी मुश्किलें हल करता है

ये सब एक बाप,बेटा,भाई,चाचू,दादू और मेरा यार करता है....!

Happy International Men's day♥️

©Shukla Ashish
#ChaiAurBaatein #follow #chay #me

और फिर एक दिन, जब घड़ी की टिक - टिक, समय को - समय से पहले - समय के पार ले जाने को आतुर हो जाएगी... जब धूप ढलते-ढलते स्याह रातों की दहलीज पर जा खड़ी होगी... जब दिन भर का थका हारा सूरज, आसमान से उतर कर, दूर क्षितिज पर बैठ, वापसी की राह ढूँढ रहा होगा... जब पंछी भी अपने - अपने घोंसले ढूँढने में व्यस्त होंगे,,, जब मंदिरों में आरती की घंटियां बज कर सबको बुला रही होंगी,,, जब दूर कहीं कोई भौंरा, किसी कमल की पंखुड़ियों में जा चुका होगा,,, जब नदी के दूसरे किनारे से एक नाव पर जलती हुई मद्धम सी रोशनी चमकने लगेगी,,, जब गर्म हवाओं की तपिश बुझने की कगार पर होगी.. तब, हाँ तब हमें सबसे ज्यादा जरूरत होगी एक - दूसरे के साथ की... बोलो उस वक़्त मेरे साथ रहोगी न... ©Shukla Ashish

#Dosti #sath #Mera #Dil  और फिर एक दिन, जब घड़ी की टिक - टिक,
 समय को - समय से पहले - समय के पार ले जाने को आतुर हो जाएगी...

जब धूप ढलते-ढलते स्याह रातों की दहलीज पर जा खड़ी होगी...

जब दिन भर का थका हारा सूरज, आसमान से उतर कर,
 दूर क्षितिज पर बैठ, वापसी की राह ढूँढ रहा होगा...

जब पंछी भी अपने - अपने घोंसले ढूँढने में व्यस्त होंगे,,,

जब मंदिरों में आरती की घंटियां बज कर सबको बुला रही होंगी,,,

जब दूर कहीं कोई भौंरा, किसी कमल की पंखुड़ियों में जा चुका होगा,,,

जब नदी के दूसरे किनारे से एक नाव पर जलती हुई मद्धम सी रोशनी चमकने लगेगी,,,

जब गर्म हवाओं की तपिश बुझने की कगार पर होगी..

तब, हाँ तब हमें सबसे ज्यादा जरूरत होगी एक - दूसरे के साथ की...

बोलो उस वक़्त मेरे साथ रहोगी न...

©Shukla Ashish

"जिस पल जिंदगी से वे छले गएं होंगे मौत के साथ बहुत दूर चले गएं होंगे ll जन्म से कोई अच्छा या बुरा नहीं है, लोग जीवन मुताबिक ढले गए होंगे ll मेने अच्छे से देखा था हाथ खुले थे, न जाने लोग साथ क्या ले गए होंगे ll हम बदनसीब अब भी इंतजार में है, खुशनशीब हैं वो जो पहले गए होंगे ll जलाया गया हो या दफनाया गया हो, मिट्टी के जिस्म मिट्टी में बदले गए होंगे ll कुछ को गुरूर था कि सदा यहीं रहेंगे, गुरूर रहा गया होगा, वो भले गए होंगे ll" ©Shukla Ashish

#Broken #fog  "जिस पल जिंदगी से वे छले गएं होंगे
 मौत के साथ बहुत दूर चले गएं होंगे ll

 जन्म से कोई अच्छा या बुरा नहीं है, 
 लोग जीवन मुताबिक ढले गए होंगे ll

 मेने अच्छे से देखा था हाथ खुले थे, 
 न जाने लोग साथ क्या ले गए होंगे ll

 हम बदनसीब अब भी इंतजार में है, 
 खुशनशीब हैं वो जो पहले गए होंगे ll

 जलाया गया हो या दफनाया गया हो, 
 मिट्टी के जिस्म मिट्टी में बदले गए होंगे ll

 कुछ को गुरूर था कि सदा यहीं रहेंगे, 
 गुरूर रहा गया होगा, वो भले गए होंगे ll"

©Shukla Ashish

#Broken #fog

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