Dr.Gopal sahu

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#sad_emotional_shayries #कविता #hindi_poetry #hindigazal

White जब मैं अकेला था... मैं कल भी अकेला था, मैं आज भी अकेला हूं, मंज़िल के तलाश में, संघर्ष के पथ पर चला हूं। बंजर जिस्म में शिद्दत-ए-तिश्नागी से लड़ने लगा हूं। कतरा – कतरा बहे आंसुओं को पीने लगा हूं।। नहीं मिली खुशी तो गमों के साये में जीने लगा हूं। कोरे कागज़ पर लहू से जीवन उकेरने लगा हूं ।। बिकते इंसाँ को देख अरमानों को दफनाने लगा हूं। मुर्दों के शहर में कफ़न का हिसाब रखने लगा हूं।। आलम ये है कि खुदगर्जों पे किताब लिख रहा हूं, बदलते हर मौसम का मिजाज लिख रहा हूं। ©Dr.Gopal sahu

#कविता #hindi_kavita #hindi_gajal #Sad_shayri  White 
जब मैं अकेला था...
मैं कल भी अकेला था, मैं आज भी अकेला हूं,
मंज़िल के तलाश में, संघर्ष के पथ पर चला हूं।

बंजर जिस्म में शिद्दत-ए-तिश्नागी से लड़ने लगा हूं।
कतरा – कतरा  बहे  आंसुओं  को पीने लगा हूं।।

नहीं मिली खुशी तो गमों के साये में जीने लगा हूं।
कोरे कागज़ पर लहू से जीवन उकेरने लगा हूं ।।

बिकते इंसाँ को देख अरमानों को दफनाने लगा हूं।
मुर्दों के शहर में कफ़न का हिसाब रखने लगा हूं।।

आलम ये है कि खुदगर्जों पे किताब लिख रहा हूं,
बदलते  हर  मौसम  का  मिजाज  लिख रहा  हूं।

©Dr.Gopal sahu

White तन्हा सफ़र... तन्हा सफ़र तेरी यादों का, मोहताज़ बनकर रह गया, जंग जैसी जिंदगी, एक राज बनकर रह गया। हूनर तो था नही, चाहत को बरकरार रखने की, इश्क़ के मैदान में, चाहत एक आगाज बनकर रह गया।। तेरी वो शब्द, मेरा आवाज़ बनकर रह गया, आँखों से टपका हर अश्क़, एक साज बनकर रह गया। ये दिल आज भी धड़कता है सिर्फ तेरे लिए, तेरी हर पसन्द मेरे सर की ताज बनकर रह गया।। तुम नही तो मैं नही, ऐसा एक अहसास बनकर रह गया, सोचा था तोड़ दूँगा हर एक बन्धन, ऐसा एक प्रयास बनकर रह गया। नींद - चैन - भूख - प्यास सब लूट ले गया है कोई , तुम आओगी, मनाओगी, जी रहा हूँ इस उम्मिद में, ऐसा एक आस बनकर रह गया ।। चारों तरफ़ अँधेरा ही अँधेरा नजऱ आ रहा है, बांकी के जिंदगी एक वनवास बनकर रह गया। तुम अगर साथ होती तो शायद ऐसा नही होता, पर कैसे कहे तुम्हें.…......................... तुम बिन ये जिंदगी एक जिंदा लाश बनकर रह गया ।।😢 ©Dr.Gopal sahu

#कविता #Night  White तन्हा सफ़र...
तन्हा सफ़र तेरी यादों का, मोहताज़ बनकर रह गया,
जंग जैसी जिंदगी, एक राज बनकर रह गया।
हूनर तो था नही, चाहत को बरकरार रखने की,
इश्क़ के मैदान में, चाहत एक आगाज बनकर रह गया।।

तेरी वो शब्द, मेरा आवाज़ बनकर रह गया,
आँखों से टपका हर अश्क़, एक साज बनकर रह गया।
ये दिल आज भी धड़कता है सिर्फ तेरे लिए,
तेरी हर पसन्द मेरे सर की ताज बनकर रह गया।।

तुम नही तो मैं नही, ऐसा एक अहसास बनकर रह गया,
सोचा था तोड़ दूँगा हर एक बन्धन, ऐसा एक प्रयास बनकर रह गया।
नींद - चैन - भूख - प्यास सब लूट ले गया है कोई ,
तुम आओगी, मनाओगी, जी रहा हूँ इस उम्मिद में, ऐसा एक आस बनकर रह गया ।।

चारों तरफ़ अँधेरा ही अँधेरा नजऱ आ रहा है,
बांकी के जिंदगी एक वनवास बनकर रह गया।
तुम अगर साथ होती तो शायद ऐसा नही होता,
पर कैसे कहे तुम्हें.….........................
तुम बिन ये जिंदगी एक जिंदा लाश बनकर रह गया ।।😢

©Dr.Gopal sahu

#Night

11 Love

White "डियर वाइफ " कौन सी दुआ करूं की तुझे मेरी उम्र लग जाए। कविता तेरे राहों में हर एक कांटा फूल हो जाए ।। फिक्र नहीं है मुझे कि दौलत – शौहरत मिल जाए। जन्नत –ए– ज़मीं मिले जब तू मेरा नसीब हो जाए।। खुद से हार गया हूं, चाहत है की थोड़ा प्यार मिल जाए । वक्त के पैमाने पे खड़ा उतरू , गर तेरा साथ मिल जाए।। कर लू कुबूल हर जुर्म को, गर तू थानेदार हो जाए। शौक है मेरा की तेरे इश्क में गिरफतार हो जाए।। तेरे नखरों में गुलाब की पंखुड़ी जैसी नज़ाकत है। एक आखरी तमन्ना है कि तेरी मोहब्बत मिल जाए ।। ©Dr.Gopal sahu

#कविता #lovepoetry #Dearwife #kavita  White              "डियर वाइफ "
कौन सी दुआ करूं की तुझे मेरी उम्र लग जाए।
कविता तेरे राहों में हर एक कांटा फूल हो जाए ।।

फिक्र नहीं है मुझे कि दौलत – शौहरत मिल जाए।
जन्नत –ए– ज़मीं मिले जब तू मेरा नसीब हो जाए।।

खुद से हार गया हूं, चाहत है की थोड़ा प्यार मिल जाए ।
वक्त के पैमाने पे खड़ा उतरू , गर तेरा साथ मिल जाए।।

कर लू कुबूल हर जुर्म को, गर तू थानेदार हो जाए।
शौक है मेरा की तेरे इश्क में गिरफतार हो जाए।।

तेरे नखरों में गुलाब की पंखुड़ी जैसी नज़ाकत है।
एक आखरी तमन्ना है कि तेरी मोहब्बत मिल जाए ।।

©Dr.Gopal sahu

White तजुर्बा –ए –जिन्दगी... वक्त बड़ा बे – हिसाब है साहब, कुछ देकर बहुत कुछ छीन लेती है साहब। थोड़ी खुशी, ज्यादा गम देकर , जिन्दगी को निराश कर जाती है साहब।। दौलत – शोहरत, हुस्न – अदाएं, मदिरा – मैयखाना सब झूठ है साहब । अग्नि – अनिल – आकाश, पानी –पृथ्वी, सारे जहां में, यही एक मात्र सच है साहब।। सूरज, चांद,पवन– पहाड़, नदी, सरोवर , जीवन का यही एक सूत्र धार है साहब । ईमान ही इबादत , कर्म ही किस्मत है , सफल जीवन का यही एक राज है साहब।। जो रिश्तों के पीछे भागा, उसे रिश्ता ना मिला, जो दौलत के पीछे भागा, उसे दौलत ना मिला । ये कमबख्त दुनिया, बड़ी ज़ालिम है साहब , सबके अपने , अलग –अलग हिसाब है साहब ।। टूटी खाट–गहरी नींद, भूखा पेट–नीच का भोजन, प्यासा इंसान जूठा पानी में, कोई भेद ना माने साहब । कोई पद – प्रतिष्ठा, प्रेम से बड़ा नही होता साहब , जीवन के सफ़र में सबसे अलग तजुर्बा है साहब ।। ©Dr.Gopal sahu

#तजुर्बाएजिंदगी #मैऔरमेरासाहब #हिन्दीकविता #कविता #झूटसच  White  तजुर्बा –ए –जिन्दगी...
वक्त बड़ा बे – हिसाब है साहब, 
कुछ देकर बहुत कुछ छीन लेती है साहब।
थोड़ी खुशी, ज्यादा गम देकर ,
जिन्दगी को निराश कर जाती है साहब।।

दौलत – शोहरत, हुस्न – अदाएं, 
मदिरा – मैयखाना सब झूठ है साहब ।
अग्नि – अनिल – आकाश, पानी –पृथ्वी,
सारे जहां में, यही एक मात्र सच है साहब।।

सूरज, चांद,पवन– पहाड़, नदी, सरोवर ,
जीवन का यही एक सूत्र धार है साहब ।
ईमान ही इबादत , कर्म ही किस्मत है ,
सफल जीवन का यही एक राज है साहब।।

जो रिश्तों के पीछे भागा, उसे रिश्ता ना मिला,
जो दौलत के पीछे भागा, उसे दौलत ना मिला ।
ये कमबख्त दुनिया, बड़ी ज़ालिम है साहब ,
सबके अपने , अलग –अलग हिसाब है साहब ।।

टूटी खाट–गहरी नींद, भूखा पेट–नीच का भोजन,
प्यासा इंसान जूठा पानी में, कोई भेद ना माने साहब ।
कोई पद – प्रतिष्ठा, प्रेम से बड़ा नही होता साहब ,
जीवन के सफ़र में सबसे अलग तजुर्बा है साहब ।।

©Dr.Gopal sahu
#हिंदी_कविता #तजुर्बा_ए #कविता #Night  White तजुर्बा –ए –जिन्दगी...
वक्त बड़ा बे – हिसाब है साहब, 
कुछ देकर बहुत कुछ छीन लेती है साहब।
थोड़ी खुशी, ज्यादा गम देकर ,
जिन्दगी उदास कर जाती है साहब।।

दौलत – शोहरत, हुस्न – अदाएं, 
मदिरा – मैयखाना सब झूठ है साहब ।
अग्नि – अनिल – आकाश, पानी –पृथ्वी,
सारे जहां में, यही एक मात्र सच है साहब।।

सूरज, चांद,पवन– पहाड़, नदी, सरोवर ,
जीवन का यही एक सूत्र धार है साहब ।
ईमान ही इबादत , कर्म ही किस्मत है ,
सफल जीवन का यही एक राज है साहब।।

जो रिश्तों के पीछे भागा, उसे रिश्ता ना मिला,
जो दौलत के पीछे भागा, उसे दौलत ना मिला ।
ये कमबख्त दुनिया, बड़ी ज़ालिम है साहब ,
सबके अपने , अलग –अलग हिसाब है साहब ।।

टूटी खाट–गहरी नींद, भूखा पेट–नीच का भोजन,
प्यास इंसान जूठा पानी में, कोई भेद ना माने साहब ।
पद – प्रतिष्ठा, प्रेम से बड़ा नही है साहब ,
जीवन के सफ़र में सबसे अलग तजुर्बा है साहब ।।

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