रिहा कर दो मुझे अपनी मोहब्बत की क़ैद से के मेरे वापिस जाने का वक्त आ गया है।।
तेरे साथ बिताए उन लम्हों उन शामों के भूल जाने का वक्त आ गया है।।
मुश्किल है पर करना होगा मुझे, तेरी हर याद से लौट आने का वक्त आ गया है।।
सोचा था जिंदगी तेरे साथ कुछ यूं बीतेगी,पर अब इस ख्वाब के टूट जाने का वक्त आ गया है।।
ये इश्क हमारा मुकम्मल हो नहीं सकता, के तेरा अब इस बात को समझ जाने का वक्त आ गया है।।।
आसान नहीं है पर मानना होगा तुझे, मैं मंजिल हु किसी और की।
तेरा मुझे अब भूल जाने का वक्त आ गया है!!!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here