#weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली
जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ
जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान
जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने
जहाँ मै गुमनाम रहूँ....
जहां ना धोखा और ना ही फेरेब
देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं
एक बड़ी सी जमीन हो,
उसकी मंजिल के रास्ते में हूं,
उससे कभी राब्ता हो,
उसे उम्मीद ना मिलने की,
मुझे उम्मीद_ए_नाज़ कि फिर उससे वास्ता हो
वो क्या भूल गया आपने किये सितम,
या खुदा याद आये उस सब कुछ,
कोई तो ऐसा हादसा हो,
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here