Lalit Shihir

Lalit Shihir Lives in Jewar, Uttar Pradesh, India

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#LalitShihirPoetry #शायरी #weather_today #LalitShihir #Shihirlalit #SAD  White चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली
जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ
जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान
जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने
जहाँ मै गुमनाम रहूँ....
जहां ना धोखा और ना ही फेरेब
देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं
एक बड़ी सी जमीन हो, 
जमीन पे घास और नीला आसमान,
 आसमान में वादल हो, 
वादल में सूरज हो और सूरज में धूप हो,
धूप में किरण हो और वहती नदी के पानी से टकराकर,
 एक झोपड़ी की खिड़की पर गिर रही हो,
 दूर जमीं' के एक हिस्से से बकरी के बच्चों के खेलने की आवाज आ रही हो , 
ठंडी हवा अपनी धुन में वह रही हो,
और मुझे बार-बार छू कर अपने होने का एहसास दिला रही हो, 
जहां ना टेंशन हो और ना Anxiety 
जहाँ जाकर में खुद की खो जाऊँ और नींद अगर तो मैं सो जाँऊँ, 
खुले जो आंख तो मैं अपने घर ही खुद को पाऊ, 
हाये मेरे सपने भी मेरी तरह अजीब है।

©Lalit Shihir

#weather_today चलो मैं जाता हूँ उस ठहराब की गली जहाँ ना दुख हो ना कोई तिकलीफ जहाँ ना खुदा हो और ना कोई शैतान जहाँ ना कोई मुझे जाने, ना पहचाने जहाँ मै गुमनाम रहूँ.... जहां ना धोखा और ना ही फेरेब देखूं वहाँ चाहे जहाँ इनसान ना ही कहीं एक बड़ी सी जमीन हो,

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#शायरी #boat  एक सोच अकल से फिसल गई,
मुझे याद थी कि बदल गई,
मेरी सोच थी कि वो ख्वाब था,
मेरी जिंदगी का हिसाब था।

मेरी जुस्तजू से बरअक्स थी,
मेरी मुश्किलों का अक्स थी,
मुझे याद हो तो वो सोच थी,
जो ना याद हो तो गुमान था..

मुझे बैठे-बैठे गुमाह हुआ,
गुमाह नहीं था, खुदा था वो,
मेरी सोच नहीं थी, खुदा था वो,
ओ ख़ुदा जिसने जुबान दी,
मुझे दिल दिया, मुझे जान दी,
वो जुबान, जिससे ना चला सके,
वो दिल, जिसे ना मना सके,
वह जान, जिसने ना लगा सके..

कभी मिल तो तुझको बताएं हम,
तुझे इस तरह से सताए हम,
तेरा इश्क तुझ से छीन के,
तुझे मय पिला के रुलाए हम..

तुझे दर्द दू, तू ना सह सके,
तुझे दूर जुबान, तू ना कह सके,
तुझे दूं मकान, तू ना रह सके,
तुझे मुश्किलों में घिरा के मैं,
कोई ऐसा रास्ता निकाल दो,
तेरे दर्द कि मैं दवा करूं,
किसी गर्ज़ के मैं शिवा करूं

©Neerav Nishani

#boat

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#शायरी #mobileaddict  आंखें एक अजीब दास्तान है,
खुली हो तो धोका, बंद हो तो ख्वाब,
खोल कर देखू तो मेहदूत (बद किस्मत)
बंद हो तो अनमोल
हमे छूने पर यकीन....
देखने पर भरोसा....
और सुनने पर ईमान ....
भूल गए एहसास को
जो कभी छूकर भी नहीं छुआ
सब देख कर भी नहीं दिखा
और सूंघ कर भी नहीं समझा
तो महसूस करना शुकुरगुजारी..........
ये है असल बादशा जीने का राज
तो शुक्र करो उस लम्हे का जो जी लिया,
शुक्र करो उस एहसास का जो महसूस हुआ,
और शुक्र करो उस शख्स का जो खुली आंख ना देख पाई
लेकिन साथ हमेशा साथ रहा,
तो ये जान लो वो जिंदा है, वो जिंदा है, वो जिंदा है
वो शख्स तुम भी हो और वो शख्स तुम ही हो

©Neerav Nishani

#mobileaddict

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#जानकारी #Exploration  कितना आसान होता है चलते चले जाना,
यदि केवल हम चलते हुए होते,
बाकी सब रुका हुआ हो,
मैने इस उल जलूल दुनिया को दस सरों से 
सोचने और बीस हाथों से पाने की कोशिश में,
 मैने इसे अपने लिए बहुत मुश्किल बना दिया है,
शुरू शुरू में सब यही चाहते है की सब शुरू से 
शुरू हो, लेकिन अंत तक पहुंचते पहुंचते 
हिम्मत हार जाते है हमे कोई दिलचस्पी नहीं
रहती की वो सब कैसे समाप्त होता है जो 
इतनी धूम धाम से शुरहमारे जाने पर

©Neerav Nishani

#Exploration

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#Neeravnishani #LalitShihir

Best of Jaun Elia #LalitShihir #Neeravnishani

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उसकी मंजिल के रास्ते में हूं, उससे कभी राब्ता हो, उसे उम्मीद ना मिलने की, मुझे उम्मीद_ए_नाज़ कि फिर उससे वास्ता हो वो क्या भूल गया आपने किये सितम, या खुदा याद आये उस सब कुछ, कोई तो ऐसा हादसा हो, ©Neerav Nishani

#TakeMeToTheMoon #Neeravnishani #LalitShihir #writer  उसकी मंजिल के रास्ते में हूं,
उससे कभी राब्ता हो,
उसे उम्मीद ना मिलने की,
मुझे उम्मीद_ए_नाज़ कि फिर उससे वास्ता हो
वो क्या भूल गया आपने किये सितम,
या खुदा याद आये उस सब कुछ,
कोई तो ऐसा हादसा हो,

©Neerav Nishani

उसकी मंजिल के रास्ते में हूं, उससे कभी राब्ता हो, उसे उम्मीद ना मिलने की, मुझे उम्मीद_ए_नाज़ कि फिर उससे वास्ता हो वो क्या भूल गया आपने किये सितम, या खुदा याद आये उस सब कुछ, कोई तो ऐसा हादसा हो,

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