ॐ नमो महाकाली रूपम,
शक्ति तु ज्योति स्वरूपम
शुम्भ निशुम्भ को मारा,
रक्तबीज को संहारा
दुष्टों को संहारने वाली,
भक्तों के दुःख हरने वाली,
सन्त गुणी जन सब पूजते,
पूजा की तिथि विधि ना जानू,
मंत्र तंत्र को मैं ना जानू,
मैया बस पढ़ुं चालीसा
जीवन में माँ करना उजाला,
बीच भंवर में फंसी है नैया,
आकर लाज बचाना,
सद्-बुद्धि का दान ही देना,
ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम
मैया प्यारी, दया करो महाकाली
©Mahadev Son
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