Priiyanka Gujjar

Priiyanka Gujjar Lives in Hisar, Haryana, India

छोटा सा सपना है दिल को शब्दों में उतरना चाहती हूं,

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#propose

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#propose #bestie

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ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं जो मांगा वो ना मिल पाया क्यूँ ये मुझसे पूछा और बताया करते हैं, ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं, तकलीफ़ मे कोई अपना नहीं होता, वक़्त की ठोकरो से मुझे समझाया करते है, अजीब उलझन मे फँसी है जिंदगी मेरी पता नही कोई सुन भी रहा हैं या हम अपनी बात युही जाया करते हैं ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं दिल का दर्द आँखो से हम बहाया करते है, पलकों की टक टकी से सारी रात बिताया करते है, ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं जो मांगा वो ना मिल पाया क्यूँ ये मुझसे पूछा और बताया करते हैं, -PK ©Priiyanka Gujjar

#Heartbeat #nind  ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं
जो मांगा वो ना मिल पाया क्यूँ
ये मुझसे पूछा और बताया करते हैं, 
ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं, 
तकलीफ़ मे कोई अपना नहीं होता, 
वक़्त की  ठोकरो से मुझे समझाया करते है, 
अजीब उलझन मे फँसी है जिंदगी मेरी
पता नही कोई सुन भी रहा हैं या
 हम अपनी बात युही जाया करते हैं
ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं
दिल का दर्द आँखो से हम बहाया करते है, 
पलकों की टक टकी से सारी रात बिताया करते है, 
ये रातों के अँधेरे मुझे अक्सर जगाया करते हैं
जो मांगा वो ना मिल पाया क्यूँ
ये मुझसे पूछा और बताया करते हैं,     
                                        -PK

©Priiyanka Gujjar

तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन है, ना जाने क्या, क्यूँ और किससे अनबन हैं, बेबुनियाद सी खुशियाँ लगती और बिना बात ही चलती धड़कन है, तु जिंदगी हैं या कोई उलझन हैं,, कभी ढ़लती सी शाम है तो कभी तेज धूप सी तड़पन हैं,, तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन हैं, कभी बिना बरसात ही बिता सावन तो कभी बिन मौसम ही बूंदों की छन छन है, बहुत कुछ कहने को है पर फिर भी चुप रहने की ही अड़चन है, शिकायत किससे की जाए और किस मुह से की जाए, उलझाने वाले भी तो अपने और उनका अपनापन हैं,, तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन हैं,।।।। Pk.. ©Priiyanka Gujjar

#ज़िन्दगी #OneSeason  तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन है, 
ना जाने क्या, क्यूँ और किससे अनबन हैं, 
 बेबुनियाद सी खुशियाँ लगती और बिना बात ही चलती धड़कन है, 
तु जिंदगी हैं या  कोई उलझन हैं,, 
कभी ढ़लती सी शाम है तो कभी तेज धूप सी तड़पन हैं,, 
तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन हैं, 
कभी बिना बरसात ही बिता सावन तो कभी
बिन मौसम ही बूंदों की छन छन है, 
बहुत कुछ कहने को है पर 
फिर भी चुप रहने की ही अड़चन है, 
शिकायत किससे की जाए और किस मुह से की जाए, 
उलझाने वाले भी तो अपने और उनका अपनापन हैं,, 
तु मेरी ज़िंदगी है या कोई उलझन हैं,।।।। Pk..

©Priiyanka Gujjar

शिकायत,,,,,,,,, #OneSeason

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#mohabbatein

for my love ♥️ #mohabbatein

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#merinanhipari #NewLife
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