White मैंने देखा उसको एक अरसे बाद ही शायद ।
एक अरसे बाद भी, मैं बस उसको ही चाहता हूँ ।।
देख उनकी मुस्कान दिल कुछ यूं खुशी से झुमा ।
कोई था, जिसके लिए मैं भी जीना चाहता हूँ ।।
करता रहता हूँ मैं भी, सवाल खुद से कई दफा ।
मैं हर सवाल के जवाब में बस उनका नाम चाहता हूँ ।।
मेरे लिए भी मुश्किल नहीं हैं भुलाना उन्हें ।
मैं फिर भी लिखते हुए उन्हें याद करना चाहता हूँ ।।
अच्छा, तो तुमने संभाल रखा हैं, हमारा दिया वो "सूट" ।
मैं अपने जहन में तुम्हारा चेहरा, संभाल कर रखना चाहता हूँ ।।
होता हैं जैसे एक हंसो के जोड़े में भी ।
मैं यह जिंदगी बस, तुम्हारे नाम करना चाहता हूँ ।।
जो भी लिखा है उस खुदा ने "जय" के नसीब में ।
मैं बैठ के खुद अपनी लकीरें बदलना चाहता हूँ ।।
खो गया हूँ मैं कही इस भीड़ में, कही दूर, बहुत दूर ।
मैंने खोया, फिर पाया, फिर खोया, मगर अब तुम्हे पाना नहीं चाहता हूँ ।।
Jai
©Jayesh gulati
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here