अनुपम अनूप

अनुपम अनूप"भारत"

एक अव्यक्त,अप्रस्तुत,अर्द्धपूर्ण रचनाकार

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White सूरज,चाँद,सितारे, कितने ही सुंदर हो, सब के सब तेरे आगे, पानी भरते हैं। ©अनुपम अनूप"भारत"

#शायरी #love_shayari  White सूरज,चाँद,सितारे, कितने ही सुंदर हो,
सब के सब तेरे आगे, पानी भरते हैं।

©अनुपम अनूप"भारत"

#love_shayari

13 Love

White जख्म जिनके भरने गया था मैं, जख़्म गहरे करवा के, आया हुँ उन्ही से। ©अनुपम अनूप"भारत"

#कविता #Sad_Status  White जख्म जिनके भरने गया था मैं, 
जख़्म गहरे करवा के, आया हुँ उन्ही से।

©अनुपम अनूप"भारत"

#Sad_Status

17 Love

#शायरी  इस इंसान खोजने में, 
कई बरस लगे है मुझको। 
इस इंसान को पलभर मे, 
कोई चुरा रहा है मझसे।

©अनुपम अनूप"भारत"

इस इंसान खोजने में, कई बरस लगे है मुझको। इस इंसान को पलभर मे, कोई चुरा रहा है मझसे। ©अनुपम अनूप"भारत"

99 View

बीत गये कुछ बरस, तुझे देखने की तरस, फिर भी जिन्दा जो चाह हैं, बस उसका ही अहसास हैं, मानो कल शाम की बात बात हैं फिर वही जज्बा़त हैं। हाथो से छिटक उगलियाँ खिसकी, नैनो मे आसूँ ओठों मे सिसकी, बारिश के मौसम मे घुलता वो रिश्ता, याद आयी सावन की मुलाकात हैं, मानो कल शाम की बात हैं। फिर वही जज्बात् हैं। रिश्तो की सब कसमे, वादो की कोरी रशमे, पुराने घाव को कुरेदती, तेरे यादो की बारात हैं, मानो कल शाम की बात हैं, फिर वही जज्बात् हैं।।

 बीत गये कुछ बरस,
तुझे देखने की तरस,
फिर भी जिन्दा जो चाह हैं,
बस उसका ही अहसास हैं,
मानो कल शाम की बात बात हैं
फिर वही जज्बा़त हैं।
हाथो से छिटक उगलियाँ खिसकी,
नैनो मे आसूँ ओठों मे सिसकी,
बारिश के मौसम मे घुलता वो रिश्ता,
याद आयी सावन की मुलाकात हैं,
मानो कल शाम की बात हैं।
फिर वही जज्बात् हैं।
रिश्तो की सब कसमे,
वादो की कोरी रशमे,
पुराने घाव को कुरेदती,
तेरे यादो की बारात हैं,
मानो कल शाम की बात हैं,
फिर वही जज्बात् हैं।।

कल शाम की बात हैं।

7 Love

कुर्सी के दीमक सब एक से,ममता मोदी या शाह। रामराज्य के झूठे वादो तले, जनता रही कराह। न मतलब जनता की मौत से, न सुनते ये आह। भक्त रहो या चमचे बनो किसी को क्या परवाह। अहंकार सीमा से बढ़े,तुम बदल लो अपनी राह। कुर्सी के दीमक सब एक से,ममता मोदी या शाह। अनुपम अनूप भारत

#rayofhope  कुर्सी के दीमक सब एक से,ममता मोदी या शाह।
रामराज्य के झूठे वादो तले, जनता रही कराह।
न मतलब जनता की मौत से, न सुनते ये आह।
भक्त रहो या चमचे बनो किसी को क्या परवाह।
अहंकार सीमा से बढ़े,तुम बदल लो अपनी राह।
कुर्सी के दीमक सब एक से,ममता मोदी या शाह।
अनुपम अनूप भारत

#rayofhope

10 Love

जीत जाओं बंगाल, भले तुम ममता मोदी। हैं लोकतंत्र की ये हार,सुनो तुम ममता मोदी। जनता है सब बेहाल, सुनो तुम ममता मोदी। शहर मे पटेपड़े श्मशान,सुनो तुम ममता मोदी। जीत जाओं बंगाल, भले तुम ममता मोदी। जाओंगे दिल से हार, सुनो तुम ममता मोदी। हैं अंधभक्त भी बेहाल, सुनो तुम ममता मोदी। चमचो का बुरा हैं हाल सुनो तुम ममता मोदी। मदद पर कुर्की ऐलान, सुनो तुम ममता मोदी। जीने से मरना आसान,सुनो तुम ममता मोदी। जीत जाओ बंगाल, भले तुम ममता मोदी। जाओगे दिल से हार,सुनो तुम ममता मोदी। -अनुपम अनूप

#Corona_Lockdown_Rush  जीत जाओं बंगाल, भले तुम ममता मोदी।
हैं लोकतंत्र की ये हार,सुनो तुम ममता मोदी।
जनता है सब बेहाल, सुनो तुम ममता मोदी।
शहर मे पटेपड़े श्मशान,सुनो तुम ममता मोदी।
जीत जाओं बंगाल, भले तुम ममता मोदी।
जाओंगे दिल से हार, सुनो तुम ममता मोदी।
हैं अंधभक्त भी बेहाल, सुनो तुम ममता मोदी।
चमचो का बुरा हैं हाल सुनो तुम ममता मोदी।
मदद पर कुर्की ऐलान, सुनो तुम ममता मोदी।
जीने से मरना आसान,सुनो तुम ममता मोदी।
जीत जाओ बंगाल, भले तुम ममता मोदी।
जाओगे दिल से हार,सुनो तुम ममता मोदी।
-अनुपम अनूप
Trending Topic