jameel Khan

jameel Khan

मेरा सच बोलना गर जिसको गुजरता है न-गवार। तो फ़िर मेरे मुख़ालिफ़ो मे एक इज़ाफा और सही

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White ग़ुस्से मे मेरी जान तुम क़हर लगती हो तुम वो धूप हो जो भरी दोपहर लगती हो जमील ©jameel Khan

 White ग़ुस्से मे मेरी जान तुम क़हर लगती हो
तुम वो धूप हो जो भरी दोपहर लगती हो

जमील

©jameel Khan

# क़हर #

16 Love

White उस शख़्स की ज़ुल्फ़ मेरे सर थोड़ी है मेरी क़लम को किसी का डर थोड़ी है जमील ©jameel Khan

 White उस शख़्स की ज़ुल्फ़ मेरे सर थोड़ी है
मेरी क़लम को किसी का डर थोड़ी है



जमील

©jameel Khan

# सर #

13 Love

 White गैर राज़ी नही राज़ी राज़ी ख़ुद हमने 
तबाह कर लिया शौक ही शौक में


जमील

©jameel Khan

# शौक #

108 View

 White सब मुत्तफ़िक़ होकर एक ही ज़बान बोलने लगे
लूटेरे लूट के माल को अपना सामान बोलने लगे

अंधे अंधेरे मे दूर तलक देखने की बात करते है
वो मुग़ालते मे जमीन को आसमान बोलने लगे



जमील

©jameel Khan

# ज़बान #

135 View

 White कुदरत ने क्या खूब तराशा है तुम को
तुम उस कारीगर की कारीगरी का नमूना हो

जमील

©jameel Khan

# हसीना #

162 View

 White हालात जो भी हो उसी हाल मे अपनी पहचान बना लो
रहकर पत्थरो मे खुद को इतना तराशो
के इन्सान बना लो


जमील

©jameel Khan

# पहचान #

117 View

Trending Topic