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क्षीण हो जाती हसरतें गालिब, गर मंजिले ज़ुस्तज़ु का जज़्ब ना होता ।
White $ उधार $ उधार बहुत सोच समझ कर खाना चाहिए ! क्युकी अगर आप भूल भी गए, तो भी आपके अंदर के जीव को उसे चुकाने के लिए आना ही आना पड़ेगा!! 👻👻👻 ©Rj Kant krishn kant
Rj Kant krishn kant
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पता है हम लोग कब अपनी ज़िन्दगी में अपने आप को अकेला कर लेते हैं। जब सवाल भी हमारे खुद के होते हैं, और फैसला भी हम खुद कर लेते हैं।। फिर चाहे बो, सवाल किसी से भी हों।। ©Rj Kant krishn kant
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