जो वादा कर सकते हो तो ये वादा कीजिये,
न आओ तो फिर कोई नही याद न ताजा कीजिये,
और कहीं नजर न जाती क्या तेरा मुझपे बोझ है,
मुझमें वक़्त की यादे है तो बोझ आधा कीजिये,
अहसान तेरे सब ले जा मुझको तेरे पास रख
रंग भारी याद मिटा वक़्त सादा कीजिये
वो सारी उलझन वक़्त की मुझ पर असर कर रही,
मैं अकेला याद रखु थोड़ा साझा कीजिये,
छूट जाने का तेरे राज़ अभी भी राज है,
प्यार का उलझा डोरी सुलझा मांझा कीजिये,
आने को फिर तेरे जो कोई भी तकलीफ है,
आकर रोज सामने याद न ताज़ा कीजिये,
जो वादा कर सकते हो तो ये वादा कीजिये,
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