हम मेहकेे तो सब गुलाब समझ बैठे हम जले तो सब चिराग़ समझ बैठे हमारे दिल के दर्द को किसी ने नही देखा शायरी क्या सुनाई सब शायर समझ बैठे.✒mahirkhan
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