खैर किस्सा छोड़िये कोरोना का ...
....बीमारी है इसका क्या, एक दिन चला जायेगा...
इसकी आड़ में जो जहर घोला है इंसानियत की फिजा में...
क्या बो आसानी से जा पायेगा......
चला था ये भी अपनी इंसानियत को लेकर....
ये हश्र देखकर क्या अपने को गर्व से भारतीय कह पायेगा।
😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
(सच्चा मुस्लिम)
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