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Public Figure Regards, Saket Kumar 9097093000
Valley of emotions मयखाने से तो निकलता हूँ पूरे होश-ओ-हवास में, गुज़रता हूँ उसकी गली से तो लड़खड़ा जाता हूँ!!
SAKET Kumar
4 Love
दरवाज़ा छोटा ही रहने दो अपने मकाँ का, जो झुक के आएगा, समझो वही अपना है!
Hello happiness वो समझते थे, हमें दिखती नहीं उनकी चालाकियाँ, लेकिन हम खामोशी से उनको अपनी नज़रों से गिरता हुआ देखते रहे!!
Love your life because सिकुड़ता हूँ तेरे इश्क़ की सर्द में हर रोज़, बस ओढ़ कर तेरी यादों के गुदड़े गुज़ारा हो रहा है!!
7 Love
मुनासिब हो, तो दफना ही दो, इस शीशे में मुझे, मेरी लाश नज़र आती है।
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