माखन चोरी, जोरा जोरी,
नटखट नंददुलारे श्याम
मोहिनी मूरत, साँवली सूरत,
सबको लगते प्यारे श्याम
गो पाले गोपाले ग्वाले,
माँ की आँख के तारे श्याम
वृन्दावन की कुंज गलिन में,
सखियों संग विहारे श्याम
मित्रता में माहिर माधव,
मोहन मुरलीधारे श्याम
इश्क़ में राधे राधे बोले,
जग के पालनहारे श्याम
संवादों में गीता रच दी,
धर्मों के रखवारे श्याम
कंस, कालिया, जरासंध को,
घर में घुसकर मारे श्याम
त्रेता में श्रीराम बने वो,
सत कर चक्रधारे श्याम
कलियुग में खाटू के स्वामी,
आँसू पोंछन वारे श्याम
तू सखा बड़ा, तू युद्ध गुरु
हे रथ को हाँकन वारे श्याम
‘मोहन’ के मन के मनमोहन
मोह न मोहे म्हारे श्याम
----मोहन
©SoldierMohan
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