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तेरा इश्क एक कर्ज़ था , उसे उतार दिया इस जिन्दगी को हमने , तेरे नाम पर गुजार दिया *ये कविता ही मेरी आवाज है a writer, poet, shayar,
White मेरी शख्शियत को झुकना पसंद नही फिर कोई फर्क नहीं कि सामने कौन है ऐ जिन्दगी मुझे हराने की न सोच मैने उसका भी इंतजाम कर रखा हैं ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
14 Love
White ऐ जिन्दगी तुझे मिटाने का मन करता है फ़िर लगता हैं कि ये काफी आसान काम हैं ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
13 Love
White यक़ीनन दर्द की दवा हो तुम अरे तुम्हे क्या पता, कि क्या हो तुम ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
17 Love
White अरे क्या हुआ, जो मुंह के बल गिरे बिना गिरे ,भला कौन बड़ा बन पाया ग़ैर होते तो शायद फर्क नहीं पड़ता पर बुरे वक्त में अपनों ने ही सताया है ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
15 Love
White कि यूं ही नहीं, पत्थर दिल बन गया हूं मैं दर्द के हरएक इम्तिहान से गुजरा हूं ©योगेंद्र शुक्ला (वियोगी)
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