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Alfaaz mere Apne
लिए आंखों में कुछ ख्वाब, घर छोड़ आना हुआ, वो गांव, वो हवा वो मिट्टी अपनी, छोड़े हुए जमाना हुआ, पिछली शाम पूछा किसी ने, घर की कितनी याद आती हैं, खैर जाने दो वो सब कुछ मैंने कहा, एक जख्म था पुराना हुआ. ©Vivek Boniyal
Vivek Boniyal
13 Love
फासले हैं हमारे दर्मियां, महज कुछ सवालों में, वो मेरा हैं हम उनके हैं आज भी ख्यालों में. ©Vivek Boniyal
11 Love
दिल को मेरे उसने ऐसा झूला झुलाया हैं, जैसे रोते हुए को गोद में लेकर सुलाया हैं, मैंने पूछा उससे कितनी मोहब्बत हैं तुमको, और फिर कल उसने मुझे खाने पर बुलाया हैं. ©Vivek Boniyal
14 Love
हर गलतियों का भी उसने हिसाब जोड़ा हैं, जो लड़की कहती थी, देख Vibhu तेरे लिए मैंने क्या क्या छोड़ा हैं. ©Vivek Boniyal
10 Love
Just because I stopped texting in the first place, I have come to know the worth of some who pretend to be friends. ©Vivek Boniyal
9 Love
गांव में खुशबू और ज़हर घुल गया हैं शहरों में, अपनों से दगा मिली तो अपने देखें गैरों में, उससे मोहब्बत, मोहब्बत उससे ऐसी भी, वो शर्माए थोड़ा थोड़ा सा और मैं पायल बांधू उसके पैरों में. ©Vivek Boniyal
15 Love
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