White बहुत मौके देतीं हैं, एक स्त्री पुरुष को!
पुकारतीं हैं, कईं बार!!
कभी चीख कर, कभी हौले से,
कभी आँखों से, कभी बातों से!!
कईं बार दिखातीं हैं, उदारता
हमेशा झुक कर रिश्तों की अहमियत देतीं,
स्वयं में विद्यमान होते हुए सुन्दरता!!
न ही कभी आभास करातीं,
पुरूषों की कुरूपता!
अनेकों बार करतीं हैं माफ,
रो कर करतीं हैं मन साफ!
कईं बार करतीं हैं, अनदेखा,
उसकी बेख़याली का!
खुद में खुद को हमेशा के लिए समेटने में॥
©Rustam Juli Yadav
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