✍️ दशरथ रांकावत 'शक्ति' शब्द प्रेमी........एक अतृप्त आत्मा अंधकार ने छलना सीखा सदा छला है और छलेगा, किंतु दीप ने जलना सीखा सदा जला है और जलेगा। Insta:- dasharath_rankawat_shakti YouTube:- Yuva Sahitya Manch अगर आप स्वयं लिखते है तो अपनी कविताओं को लाइव कार्यक्रम में प्रस्तुत करने के लिए संपर्क करें -91+7611960974
135 View
135 View
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here