जब से बदले हैं रंग परदे के
छुप गए दाग़ चाँद चेहरे के
इस लिए भी वो कुछ नहीं कहता
लोग क़ायल हैं उसके लहजे के
आईने आइनों में दिखते थे
इतने चेहरे थे एक चेहरे के
जवाब सोच के उस से सवाल करता हूँ
कि उसका रोज़ कहाँ घर पे आना होता है
Jawab soch ke us se sawal karta hun
Ke uska roz kahan ghar pe aana hota hei
~ Aadarsh Dubey
#doubleface
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