कि सामने बाले इंसान को किसी के होने न होने का अहसास ही नही तो क्यों बार बार माथा फोड़ रहे हो उसे अहसास दिला कर क्या उखाड़ लोगे आप
by thakur shaan official
जिंदगी चाहे कैसी हो तुम लोग उसकी एक खूबसूरत कहानी हो मेरे को न चाहिए कोई बाबू सोना तुम्ही तो मेरी जिंदगानी हो में अगर नदी का किनारा हुन तो तुम उस नदी का बहता पानी हो बाबा महाकाल करे अपनी दोस्ती सदा ऐसी रहे चाहे बो बुढ़ापा या जवानी हो
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