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बदल नही सकते हम खुद को औरों के हिसाब से एक लिबास हमे भी दिया हैं खुदा ने खुद अपने हिसाब से।
White आंसुओ पे मेरे जमाना गया बिछड़ने का जब तूने इरादा किया था, ठहरी रही नदी समंदर से मिल कर ना तड़पा बसंत जब चमन को उजाड़ा गया था, सांसों की डोरी ने के थी बगावत दिल की गली से जब तू निकल गया था, माधवी मधु ©madhavi madhu
madhavi madhu
15 Love
White एक कमरे जैसा वीरान मेरा मन जिसमें कुछ ख्वाहिशें-कुछ सपनें कुछ राश्तें-कुछ मंजिलें गली से गुजर कर चौखट पर खड़ी थी, रात का सूनापन हवाओं की सरसराहट आँखों का धुंधलापन मन का वहम सब मचमचा रहें थे, ये कमरें की वीरानी नही गलियों के दृश्य बता रहें थे, ख्वाहिशें मेरी बैग के अंदर कंधे पर टँगी हैं सपनें सांसो के हलचल से जुड़ी हैं अभी राह के तिनके से भी डर जाती हूँ सच कह रही हूं मैं मंजिल पे नही सफर में ही मर जाती हूं, माधवी मधु ©madhavi madhu
White पूरा चांद सबका था .. पर अमावस का चांद सिर्फ़ उसका जो देख सकता था किसी के ना होने में भी उसका होना । जिसे यक़ीन था ये कि कोई हो सकता है साथ पास ना होकर भी.. माधवी मध ©madhavi madhu
11 Love
मेरी जीत में तू हैं मेरी चीख में तू हैं तेरे बिना रूठा हैं, ये जहाँ तेरे बिना सूखी हैं, मेरी बगिया मन में वीरानी हैं, दुनिया से अलग क्यों , मेरी कहानी हैं मेरे अल्फाज में तेरे ही,दर्द है मेरे सपनों में तेरे ही रंग हैं शब्दों का सफर हमपे भारी हैं हर पल में तेरी निशानी हैं किस किस को समझाऊ, तेरी कमी का एहसास कहा सुनाऊ मैं, अपनी ये दास्तान...मेरी माँ!! ©madhavi
10 Love
पतंग और मांझे सा प्यार कलम और स्याही का साथ गंगा का दर्शन और सर्दी की रात इनसे ही तो मकर संक्रांति का त्योहार ।। ©madhavi
किसी एक सपने के पीछे सालों से पड़े रहना और अन्त में ये सोच कर तसल्ली देदो की किस्मत में ही नही थी 99% मेहनत पर वो एक 1% किस्मत भारी पड़ जाती हैं..!! ©madhavi
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