नीयत साफ जरूरी है, खुद्दारी भी जरूरी है, दुनियादारी ठीक से चलती रहे, वो चालाकी तो मगर, मजबूरी है। हासिल कम है या लालच ज्यादा, साधन सीमित है या उम्मीदें ज्यादा, संभलकर चलने के लिये, मगर, ये समझना भी जरूरी है।
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तर्क से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता. मूर्ख लोग तर्क करते हैं, जबकि बुद्धिमान विचार करते हैं. #शुभरात्रि #हंसिये-और-हंसाइए #लव-फीलिंग #लव-स्टोरीज
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