अब चंद दिनों मे ही ,ये साल बदल जायेगा।
लोगों का यूँ पीछे छुपकर,रंग बदलना ना जायेगा।
अच्छे लोगों का इस दिलपे, साया सा छा जायेगा।
चोरी चोरी,चुपके चुपके इस दिलपे कोई आ जायेगा।
चंद दिनों मे ही ये साल ,पिछला बन जायेगा.....
संजोके रखो रिश्तो को ,मालामाल हो जायेगा।
वरना होते हुए भी सब कुछ,कंगाल हो जायेगा।
अपनोंका यूँ अपनोंसे मुंह मोड़ना हमसे ना देखा जायेगा।
रंग खुशी के या हो गम के ,हमसे साथ ना छोड़ा जायेगा।
अब चंद दिनों में ही ,ये साल बदल जायेगा....
❤️ राइटर एंड टीचर ❤️
....✍️अफजल मंसूरी
©mansoori afzal
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