पहली मुलाकात याद है मुझे आज भी.
वह उसका शर्माना, नजरें झुकाना और हमारा एक दूसरे को एक तक देखना.और कभी कभी उस कल्पना में खो जाना जैसा हमने एक दूसरे के बारे में पहले सोचा था.
उसे निहाrना और अपनी नजरों में उसे कैद करके रखना कि अगली मुलाकात कब होगी.
वह पहली मुलाकात, वह पहली baat ka यह सिलसिला kaise बढ़ता चला गया .पता ही नहीं चला .याद करता हूं मैं aajse 4 साल पुराना time जब वह मुलाकातों का दौर बढ़ता गया ,बातों का दौर बढ़ता गया और हमारे बीच नजदीकियां भी bdhti रहें.और कुछ इस कदर बढ़ा कि आज हम एक साथ हैं.
उम्मीद करता हूं कि आपको भी आपका साथ जरूर मिले ,आपका sathi जरूर mile. ❤❤😘
©पाली
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