आसमा से गिरकर भी टूटे नहीं हम
बस कोई प्यार से टकराया तो टुट गए
झगड़ना, खफा होना ये हमारे नाशा में नहीं था,
वो बड़े प्यार से मनाएगा इस वजह से रूठ गए...
मैं ठहर गया उसके लिए दौड़ते ज़माने में हाथों की लकीर की तरह,
वो बिखर गया ना जाने क्यों हवा के आगोश में आए पन्नों की तरह,
पगडंडियों पर चलते हुए वो मेरा हाथ थाम लेता था
मैं उसकी जलती आधी थकन उससे मांग लेता था,
उसने अपनी सारी तकलीफों के गुलदस्ते मुझे तोहफे में दे दिए,
मैंने अपनी नींदों में ले जा उसे अपने सारे ख्वाब दे दिए
अब मुझे नींद नहीं आती उन ख्वाबों के बिना,
सांसे भी नहीं आती किसी की खुशबू के बिना,
मैं किनारे पर खड़ा था की लहरें पांवों से टकरा गई
अभी अभी सोचा था किसी से मोहब्बत करें,
कमबख्त सारी पिछली बातें याद आ गईं
©irshak7053
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