कभी करता होगा इन परिंदो का भी मन्न सफर ख़तम करने का।
उड़के उपर आसमान में पर खो देने का
फिर आखिरी दफे सतह से टकराने का। एक आखिरी दर्द के संग सारे दर्द खो देने का
पर जब वो उपर आसमान में होता होगा
उड़ने को उसे सारा आसमान ओर लौटने को उसे अपना घोंसला दिखता होगा
जब वो बहोत उपर होता होगा
सायद उसे वहां से अपना दर्द बेहद छोटा दिखता होगा
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here