Shiv Rathore

Shiv Rathore Lives in Mumbai, Maharashtra, India

तुम कहो हम तो बस सुनने आए है मेरा इंस्टाग्राम #droidshiv

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वो जो खता मेने की ही नहीं। हर्जाना उसका ताउम्र भरते रहेंगे। हो गई जो मोहब्बत आपसे अब ताउम्र करते रहेंगे। ©Shiv Rathore

#Rose  वो जो खता मेने की ही नहीं।
हर्जाना उसका ताउम्र भरते रहेंगे।
हो गई जो मोहब्बत आपसे अब ताउम्र 
करते रहेंगे।

©Shiv Rathore

#Rose

15 Love

जरा देखे रुककर इन परींदो की उडान इस शाम को ढलने की इतनी जलदी क्यो ह! उसके जिस्म पे हल्दी तेरे हाथो मे लगेगी मेहंदी पर रुको जरा अभी इतनी जलदी क्या ह हम भी बेठे हे जमी पर तेरी आश मे तुम्हे आशमा मे उडणे की इतनी जळदी क्या ह कहानी तो बननी ही ह तेरी पर तुम्हे यू किस्सो से गुजर जाने की इतनी जलदी क्या ह जरा बेठो साथ मेरे देखे उडान परिंदो की इस साम की तरह तुम्हे गुजर जाने की इतनी जलदी क्यो ह ©Shiv Rathore

#Darknight  जरा देखे रुककर इन परींदो की उडान इस शाम को ढलने की इतनी जलदी क्यो ह! उसके जिस्म पे हल्दी तेरे हाथो मे लगेगी मेहंदी पर रुको जरा अभी इतनी जलदी क्या ह
 हम भी बेठे हे जमी पर तेरी आश मे तुम्हे आशमा मे उडणे की इतनी जळदी क्या ह
 कहानी तो बननी ही ह तेरी पर तुम्हे यू किस्सो से गुजर जाने की इतनी जलदी क्या ह
 जरा बेठो साथ मेरे देखे उडान परिंदो की इस साम की तरह तुम्हे गुजर जाने की  इतनी जलदी क्यो ह

©Shiv Rathore

#Darknight

18 Love

कभी करता होगा इन परिंदो का भी मन्न सफर ख़तम करने का। उड़के उपर आसमान में पर खो देने का फिर आखिरी दफे सतह से टकराने का। एक आखिरी दर्द के संग सारे दर्द खो देने का पर जब वो उपर आसमान में होता होगा उड़ने को उसे सारा आसमान ओर लौटने को उसे अपना घोंसला दिखता होगा जब वो बहोत उपर होता होगा सायद उसे वहां से अपना दर्द बेहद छोटा दिखता होगा

#peace  कभी करता होगा इन परिंदो का भी मन्न सफर ख़तम करने का।
 उड़के उपर आसमान में पर खो देने का
फिर आखिरी दफे सतह से टकराने का। एक आखिरी दर्द के संग सारे दर्द खो देने का
पर जब वो उपर आसमान में होता होगा
उड़ने को उसे सारा आसमान ओर लौटने को उसे अपना घोंसला दिखता होगा 
 जब वो बहोत उपर होता होगा 
सायद उसे  वहां से अपना दर्द  बेहद छोटा दिखता होगा

#peace

26 Love

सूखी सी पड़ी जमी पे ये जो तुम बरसात बनके बरसते हो। ये आखिर तुम चीज क्या हो। यूं जो तुम बस अपनी जुबां से मौसम बदलते हो

#meltingdown  सूखी सी पड़ी जमी पे ये जो तुम बरसात बनके बरसते हो।
 ये आखिर तुम चीज क्या हो। 
यूं जो तुम बस अपनी जुबां से मौसम बदलते हो

#meltingdown

28 Love

शामो से सुनहरी अब मोत लगने लगी। पहले लगती थी हमे भी दो पल की ज़िन्दगी अब बहोत लगने लगी

#peace  शामो से सुनहरी अब मोत लगने लगी। पहले लगती थी हमे भी दो पल की ज़िन्दगी अब बहोत लगने लगी

#peace

22 Love

सबकुछ भी है और कुछ भी नहीं। ये ज़िन्दगी भी ह या सचमुच नहीं

#CalmingNature  सबकुछ भी है और कुछ भी नहीं। 
ये ज़िन्दगी भी ह या सचमुच नहीं
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