White जहां तक महफूज़ आदाब हो !
उतनी सी मोहब्बत की खवाइश हमें ! हो कितनी मुक्कमल शहवानियां !
गुमराहित कदम गवारा नही !!
ऐसी ही मोहब्बत की ख्वाइश है श्रमी को!! जिसके बिन मेरा गुजारा नही !
तू भी है इंसा, मैं भी हूं इंसा !
गुस्ताखियां की थोड़ी इजाजत भी हो !!
मगर याद हो, हमको अपनी हिदायत!
अल_तयम मुहब्बत की ख्वाइश वही !
हद में रहे, गर मोहब्बत करें !!
@इंद्रेश_श्रमी
1. शहवानियाँ -कामुकता 2. अल_ तयम गहरा प्रेम
©indresh sharmi
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