अच्छा सुनो, उससे कहना...
जब वो कहे अपने यारों के साथ मस्तियां करना छोड़ दो,
वो तेरा बचपन का आवारा यार की संगत छोड़ दो।
अब तुम मेरे पैमानों के हिसाब से चलो,
वो पुराना चाल चलन छोड़ दो।
अब किया करो मुझसे ही घंटो बाते,
पुराने सारे बंधन तोड़ दो।
मेरे साथ बैठ के डोमिनो का पिज़्ज़ा खाओ,
वो जोधपुर वाली कचोरी छोड़ दो।
हर शाम बैठ के सीसीडी में कॉफी पियो,
वो कड़क चाय की चुस्कियां छोड़ दो।
मेरा दिल जलता है जब तुम बालाओं से बाते करते हो, अब यह मस्तियां, मटरगस्तिया, दिल्लगी छोड़ दो।
तो
यह मोहब्बत नहीं मेरी जान एक बंदिश सी है,
अब मुझे खोने का डर अब छोड़ दो।
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