क्या चुकायी थी कीमत इस आज़ादी के लिए अब मैं तुम्हे क्या बताऊं
भारत मां के लिए सीने पर गोली खाने वाले ना जाने कितने थे , किस किस की कहानी तुम्हें सुनाऊं
आज़ादी के लिए जिन्होंने अपने -मां - बाप, घर - परिवार और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनके बारे में कहूं या फिर जो आज़ाद हिंदुस्तान के लिए हंसते - हंसते सूली पर झूल कर शहीद हुए उनके बारे में बतलाऊ
या फिर आज़ाद भारत का सपना लेकर जो भरी जवानी में घर से निकले और लौटकर न आए उन सपनों की दास्तां सुनाऊं
जुर्म सहे, जख्म खाए अनगिनत लेकिन आंच न आने दी इस पावन धरती पर ऐसे कितने वीरों की गाथा मैं तुम्हें सुनाऊं
बच्चे , जवान , बुजुर्ग, मां, बाप , भाई, शायद कोई ना था रिश्ता, रिश्ता बस था मां भारती और और उसके वीर सपूतों का, इस मां और उसके हर एक बेटे के बारे में बताने को वर्षों लग जायेंगे, इतने वर्ष मैं कहा से लाऊं
अगर जानना है इस आज़ादी को और इस आज़ाद भारत को तो देखो उस तिरंगे को जो शान से लहरा रहा है और हिंदुस्तान की गौरव गाथा सुना रहा है।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
आज़ाद रहो।
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