Rabindra Kumar Ram

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I love writing poetry , sayari , gazal , lyrics , singing etc..

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" इक रोज़ तुझसे कहीं ना कहीं वाकिफ यार हो ही जाऊंगा , तु मुहब्बत की कुछ गुंजाइश तब्बजो कर मैं तेरा साकी हो ही जाऊंगा‌ , फिर फ़िरदौस जो हो सो हो ऐसे में कहीं ना कहीं , मैं तेरा मुन्तजिर यार दीदारे-ए-ख़्वाब हो जाऊंगा . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुन्तजिर #मुहब्बत #गुंजाइश #फ़िरदौस #दीदारे #तब्बजो  " इक रोज़ तुझसे कहीं ना कहीं वाकिफ यार हो ही जाऊंगा ,
तु मुहब्बत की कुछ गुंजाइश तब्बजो कर मैं तेरा साकी हो ही जाऊंगा‌ ,
फिर फ़िरदौस जो हो सो हो ऐसे में कहीं ना कहीं ,
मैं तेरा मुन्तजिर यार दीदारे-ए-ख़्वाब हो जाऊंगा . "

                              --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" इक रोज़ तुझसे कहीं ना कहीं वाकिफ यार हो ही जाऊंगा , तु मुहब्बत की कुछ गुंजाइश तब्बजो कर मैं तेरा साकी हो ही जाऊंगा‌ , फिर फ़िरदौस जो हो सो हो ऐसे में कहीं ना कहीं , मैं तेरा मुन्तजिर यार दीदारे-ए-ख़्वाब हो जाऊंगा . " --- रबिन्द्र राम #वाकिफ #मुहब्बत#गुंजाइश #तब्बजो #साकी #फ़िरदौस #मुन्तजिर #दीदारे-ए-ख़्वाब

15 Love

White " इक ख़्याल हम से भी हैं तुम हो जो कहीं मुकर रहे , तुम्हें अंदाजा हैं कोई इस तरह , रुख तो किया मैंने तेरे गलियों का , इक तुम हो जो दरीचों पे नज़र नहीं आ रहे . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#ख़्याल #गलियों #अंदाजा #दरीचों #शायरी #नज़र  White " इक ख़्याल हम से भी हैं तुम हो जो कहीं मुकर रहे ,
तुम्हें अंदाजा हैं कोई इस तरह ,
रुख तो किया मैंने तेरे गलियों का ,
इक तुम हो जो दरीचों पे नज़र नहीं आ रहे . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" इक ख़्याल हम से भी हैं तुम हो जो कहीं मुकर रहे , तुम्हें अंदाजा हैं कोई इस तरह , रुख तो किया मैंने तेरे गलियों का , इक तुम हो जो दरीचों पे नज़र नहीं आ रहे . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #मुकर #अंदाजा

15 Love

" जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मक़बूलियत #अज़िय्यत #हसरतों #शायरी #तमाम  " जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों 
उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों "

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों " --- रबिन्द्र राम #अज़िय्यत -( परेशानी) #तमाम #हसरतों #मक़बूलियत - (स्वीकृत)

12 Love

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम #रफ़ाक़त #तसव्वुर #ख़्याल #तहरीरों #नज़्म #वाकिफ

17 Love

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम #रफ़ाक़त #तसव्वुर #ख़्याल #तहरीरों #नज़्म #वाकिफ

13 Love

" मैं ख़्यालो की नुमाइश लिये बैठे हैं बात ज़रा कुछ भी नहीं , गुंजाइश जो भी हो सो हो इस अदब से तेरी तन्हाई की सरगोशी लिये बैठे हैं , वो शामें वफ़ा मुश्किलात तो हैं ही तेरे बिन इस अंजुमन में , तुझसे पुछे बगैर तुझसे मुहब्बत की जुर्म किये बैठे हैं ."                             --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुहब्बत #गुंजाइश #नुमाइश #अंजुमन #सरगोशी #शायरी  " मैं ख़्यालो की नुमाइश लिये बैठे हैं बात ज़रा कुछ भी नहीं ,
गुंजाइश जो भी हो सो हो इस अदब से तेरी तन्हाई की सरगोशी लिये बैठे हैं ,
वो शामें वफ़ा मुश्किलात तो हैं ही तेरे बिन इस अंजुमन में ,
तुझसे पुछे बगैर तुझसे मुहब्बत की जुर्म किये बैठे हैं ."  

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" मैं ख़्यालो की नुमाइश लिये बैठे हैं बात ज़रा कुछ भी नहीं , गुंजाइश जो भी हो सो हो इस अदब से तेरी तन्हाई की सरगोशी लिये बैठे हैं , वो शामें वफ़ा मुश्किलात तो हैं ही तेरे बिन इस अंजुमन में , तुझसे पुछे बगैर तुझसे मुहब्बत की जुर्म किये बैठे हैं ."                             --- रबिन्द्र राम #नुमाइश #ज़रा #गुंजाइश #सरगोशी #वफ़ा #अंजुमन #मुहब्बत #जुर्म

12 Love

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