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Author ✍️ श्री गंगानगर, राजस्थान study LLB 1yr Insta I'd - Lakha_Singh_baazigar 🎂9 June 🥰
पिंजरे में कैद रखकर मत सोच कि, उड़ना नहीं आता चलता हूं मैं साथ तेरे मत सोच कि, मुड़ना नहीं आता, वो तो दिल ने ज़िद्द की तुझसे दिल लगाए रखने को पकड़ा है दामन तेरा मत सोच कि, छोड़ना नहीं आता,,। ©Lakha singh baazigar
Lakha singh baazigar
5 Love
प्रेम रस में डूब कर तुझे स्मरण करने लगा हूँ सावन माह में तेरी गली से भ्रमण करने लगा हूँ तेरे संग गुजारे पलों को अब स्वप्न में देखने लगा हूँ आपको देवी मानकर आत्मसमर्पण करने लगा हूँ,,,,। ©Lakha singh baazigar
16 Love
ज़माने भर में देखा मरा है कोई किसी की रुसवाई पर वफ़ा से भरा दिल हारा है कोई किसी की बेवफ़ाई पर ©Lakha singh baazigar
कोई बसने लगा है मुकम्मल सहराओं में किसी कि बस्ती वीरान-सी वादियां हुईं है, मौतें आजकल होने लगी है शहर में मेरे लगता है तेरे शहर में कहीं शादियां हुईं है ,,,,,,। ©Lakha singh baazigar
18 Love
फक्त इस बात से ख़फ़ा रहेगें ताउम्र हम रोते रहे जिस के लिए वो रोता रहा किसी के लिए ,,,,। ©Lakha singh baazigar
21 Love
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