English
हम तो गुमनाम ही अच्छे थे कमबख्त मोहब्बत मै शहर ए यार हो गए
Rahul Siddhartha
153 View
424 View
मैं जब भी लिखूँगा कुछ आह लिखूँगा, तू मुझे पढ़ ले मैं ऐसी वाह लिखूँगा!! सितम पढ़कर खुद सितम हो जाएंगे, मैं तेरे ऐसे सितम - स्याह लिखूँगा!! ©Rahul Siddhartha
16 Love
सर्द अंगीठियों सी चाहत में जरा आग तो लगाओ l यूँ न छोड़ मोहब्बत मेरी मेरे दामन पर कोई दाग तो लगाओ ll ©Rahul Siddhartha
24 Love
मेरी खुशियों की अब जुबां नहीं है, मेरे घर में अब माँ नहीं है!! 😢😢😢😢😢😢 ©Rahul Siddhartha
23 Love
बुरे से मैं, बुरा मिलता हूँ! मैं आईना हूँ साहब, सब से मिलता हूँ!! ©Rahul Siddhartha
21 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here