एक तेरी ही तो याद है, बस इतनी सी बात है
कुछ रात की बात है
उज्जली सी सीरत में, चांद सी मूरत में
बस हर ज़र्रे ज़र्रे में, चांद से लेके सूरज मैं
बहती हवा के झोंको में, रात के चमकते जुगनू में
उगते सूरज की किरणों में, श्याम की ढलती संध्या में
खुलती आंखों के खब्बों मै, ढलते नैनो की लाली में
बस तेरी ही बात है कुछ रात की बात है
मेरे दिन और ईमान मैं,मेरी बंदगी और सजदो में
मेरी नेकिओ और वफा मै
बस तू और तेरे लिए ,तेरी ही याद है
बस कुछ रात की बात है
sld
©sheetal pandya मेरे शब्द
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