मां के प्यार को सभी बयां करते रहते हो ,,,
कभी पिता के प्यार का अंदाज़ा लगाया करो ,,,
जिसने बचपन से तुम्हें चलना - बोलना सिखाया ,,,
वो बूढ़े हो गए तो क्या उसे कभी कभी तो बुलाया करो ,,,
जाने कितनी दफा उसके कपड़ों को तुमने गंदा किया होगा बचपन में ,,,
आज बू आती है तुम्हारे कपड़ों से ऐसा कह कर उसे ठेस ना पहुंचाया करो ,,,
अपनी सारी ज़िन्दगी जिसने तुम्हे काबिल बनाने में निकाल दी ,,,
अब तुम किसी काबिल नहीं रहे उसे ऐसा ना कह जाया करो ,,,
कितनी जिम्मेवारियां रहीं उसने हंस कर सारी परेशानियां निकाल ली ,,,
तुमसे एक परेशानी नहीं संभलती तो उसे ना जिम्मेवार ठहराया करो ,,,
कितना मुश्किल होता है एक बाप होना एक दिन तुम्हे भी शायद मालूम होगा ,,,
जिन्दा खुदा है वो तुम्हारे सामने उसे सिर झुकाया करो ,,,
अरे सारे ज़माने का हाल पूछते फिरते हो तुम ,,,
कभी अपने पिता के पास बैठ कर हाल पूछ आया करो ,,,
मंदिरों मस्जिदों तीर्थों पर माथे टेकते फिरते हो बड़े भक्त बनते हो ,,,?
ईश्वर ज्यादा खुश होंगे कभी पिता के पैरों को हाथ लगाया करो ,,,
और सबसे मुश्किल काम है पर रूह को सुकून मिलेगा उसकी भी और तुम्हारी भी ,,,
कभी कभी हिम्मत करके अपने पिता को गले से लगाया करो ...
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