writer poet singer... Divya Agarwal
www.divyankaagarwal.wordpress.com
2 Love
आज भी उस किताबों के पन्ने खुले पड़े है, जिसमे मुझे तेरी कहानी लिखनी थी, शायद अपने साथ तू मेरे लफ्ज़ भी ले गयी।
2 Love
शायद एक नाम की कमी थी उस रिश्ते को बेचैनी आज भी थी, ये बात अलग है वो ज़ाहिर न कर पाती थी, मोहब्बत उतनी ही थी, पर वो क़बूल न कर पाती थी, कितनी भी मशरूफ हो जाये अपने दिन रात में पर उनकी यादों को दिल मे आने से रोक न पाती थी, हक़ समझती थी उनपे दिलोजान से पर जमा नही पति थी, उनकी हर एक बात पत्थर के समान दिल मे अंकित हो जाती पर अपनी बातों का मोल बता नही पाती थी क्या जाने क्या रोकता था उसे, अपने हसीन सपनों को उनसे साझा करने से
1 Love
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